हिसार,
विज्ञान वरदान भी है और अभिशाप भी। विज्ञान का प्रयोग मानव कल्याण व राष्ट्र निर्माण में होना चाहिए न कि विनाश के लिए।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज ने कही। वे विश्वविद्यालय के मौलिक विज्ञान एवं मानविकी महाविद्यालय की ओर से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। प्रो. कम्बोज ने कहा विज्ञान ने लोगों के जीवन को बहुत सुखद बनाया है। विज्ञान की सहायता से हम अपने जीवन की सभी आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं लेकिन समय के साथ हमारी जरूरतें बढ़ रहीं हैं और बदल भी रही हैं। शोधार्थियों व वैज्ञानिकों को इसके लिए सतत् प्रयत्नशील रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा युवाओं को भी नवाचार की ओर बढऩा होगा। प्राध्यापकों को इसके लिए अपने शिष्यों को प्रत्साहित करने के साथ उनका मार्गदर्शन भी करना होगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकताओं के अनुसार यदि शैक्षिक पाठ्यक्रम में किसी प्रकार के बदलाव की आवश्यकता हो तो उसमें बिना देरी के सुधार करना चाहिए। उन्होंने कहा भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए अनेक वैज्ञानिकों, गणितज्ञों, खगोलविदों, इंजीनियरों ने बहुत योगदान दिया है जिसने देश को विश्वभर में पहचान दिलाई है। उन्होंने नोबल पुरस्कार विजेता सर सी.वी. रमन जिनके सम्मान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, का उदहारण देते हुए कहा कि उनके अविष्कार ‘रमन प्रभाव’ एक बड़ी उपलब्धि है। विद्यार्थियों को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और ऐसे अविष्कार करने के प्रयत्न करने चाहिए जो मानव जाति के लिए वरदान बन सकें। उन्होंने इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों की प्रशंसा की और कहा कि ऐसे कार्यक्रम युवी पीढ़ी में वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के महत्व के बारे में जागरूकता लाने और विज्ञान व प्रौद्योगिकी को लोकप्रिय बनाने में बहुत सहायक होते हैं।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के डीन, रिसर्च एंड डेवल्पमेंट, डॉ. पवन कुमार शर्मा ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के थीम- सतत भविष्य के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी में एकीकृत दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिया। इससे पूर्व उपरोक्त महाविद्यालय के डीन, डॉ. केडी शर्मा ने स्वागत भाषण देते हुए सप्ताहभर चलने वाले इस कार्यक्रम बारे विस्तार से प्रकाश डाला। हकृवि के सांइस फारम के सचिव डॉ. बलजीत सिंह सहारण ने कहा कि इस समारोह के दौरान विद्यार्थियों में विज्ञान में रूचि बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं, व्याख्यान आदि आयोजित किए जाएंगे। कार्यक्रम में मंच का संचालन डॉ. अपर्णा ने किया।