धर्म

धर्म

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—93

Jeewan Aadhar Editor Desk
आत्मदेव ब्रह्मण हर तरह से सुखी था,परन्तु उसके कोई सन्तान नहीं थी। इस दु:ख से दु:खी होकर सोचने लगा कि ऐसे जीने से तो मृत्यु...
धर्म

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—93

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक वन में एक नवयुवती रो रही थी। नारदजी उस रोती हुई युवती के पास आए और रोने का कारण पूछने लगे। युवती ने जब...