धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-215

द्वारका में एक सूर्य भक्त था सत्राजित। उसे सूर्य देव ने स्यमंतक नाम की चमत्कारी मणि दी थी। ये मणि रोज बीस तोला सोना उगलती...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-214

जब भगवान विष्णु श्रीकृष्ण रूप में अवतार लेने वाले थे। देवकी और वसुदेव कंस की कैद में थे। कंस ने देवकी-वसुदेव की 6 संतानों का...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—213

कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र को विशाल सेनाओं के आवागमन की सुविधा के लिए तैयार किया जा रहा था। उन्होंने हाथियों का इस्तेमाल पेड़ों को उखाड़ने और...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—212

Jeewan Aadhar Editor Desk
भगवान श्रीकृष्ण से प्रेम के साथ-साथ जीवन के सबसे खराब दौर में कैसे अच्छा परिणाम पाएं इसका गुण भी हम लोग सीख सकते हैं। अपने...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—210

भगवान श्रीकृष्ण ने कभी भी अपने सहयोगियों को स्वयं के राजा होने का आभास नहीं होने दिया। वे सदा काफी सरल रहते थे। उन्होंने कई...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—209

Jeewan Aadhar Editor Desk
भगवान श्रीकृष्ण बचपन से ही एक अच्छा वक्ता और प्रवक्ता थे। प्रभावशाली तरीके से अपनी बात समझाना उन्हें बेखूबी आता था। उनकी सभा और उपदेशों...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—208

एक बार की बात है, जब भगवान शिव और देवी पार्वती अपने शयन कक्ष (सोने का कमरा) में विश्राम कर रहे थे। उस समय देवी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—207

सालों पहले कृष्णा राज्य में एक राजा का राज हुआ करता था। वो राजा काफी हट्टा-कट्टा और स्वस्थ था। उसे सबसे ज्यादा कुछ पसंद था,...