धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—480

एक किसान को अक्सर अपने काम के सिलसिले में शहर जाना पड़ता था। वह गांव से शहर का सफर या तो बैलगाड़ी से तय करता...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—479

एक जातक कथा है। एक देश के राजा को शिकार खेलने का बहुत शौक था। वह प्रतिदिन शिकार खेलने जंगल जाता था। रोज वह किसी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—478

राजा नमि राजर्षि हो गए थे। उनकी इच्छा थी कि राजपाट छोड़कर योग-साधना में लीन हो जाएं।उनकी यह इच्छा जानकर एक देवदूत उनके पास आया...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—477

एक बार गौतम बुद्ध भ्रमण करते हुए किसी गांव में पहुंचे। इस गांव का प्रधान साधु-संतों, भिक्षुओं को पसन्द नहीं करता था। अगर कोई साधु-संत...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—476

एक युवक अपनी विधवा मां को अकेली छोडकर भाग निकला और एक मठ में जाकर तंत्र-साधना करने लगा। कई वर्ष बीत गए। एक दिन उस...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—475

एक पंडित जी यजमानी कर दूसरे गांव से अपने घर लौट रहे थे। वे बहुत प्रसन्‍न थे, क्‍योंकि दक्षिणा में उन्हें एक बकरी मिली थी।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—474

नारद जी कलियुग का क्रम देखते हुए एक बार वृन्दावन पहुंचे। उन्होंने एक स्थान पर देखा कि एक युवती के पास दो पुरुष मूच्छित पड़े...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—473

मोहन और श्याम दो मित्र थे। दोनों बिना सोचे-विचारे किसी भी व्यक्ति अथवा परिस्थिति के विषय में अनुमान लगा लिया करते थे। उनके अनुमान अधिकतर...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—472

दीर्घकाल तक राज करने के बाद महाराज ययाति ने अपने पुत्र को सिंहासन सौंप दिया और स्वयं बन में जाकर तप क़रने लगे। कठोर तप...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—471

एक दानवीर राजा था। राजा की दानशीलता की ख्याति सुनकर एक संत उसके राज्य में आए। वे राजा से मिलने राजमहल पहुंचे और वहां दान...