धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—205

समय के साथ ही स्वामी विवेकानंद का ज्ञान और बातें पूरी दुनिया में फैल रही थीं। उनके भाषण और बातों से भारत के लोग ही...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—204

एक बार किसी व्यक्ति ने स्वामी विवेकानंद जी से सवाल किया, “दुनिया में मां की महिमा इतनी क्यों है और इसका कारण क्या है? इस...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—203

बात उस समय की है जब महात्मा गौतम बुद्ध एक आम के बगीचे में विश्राम कर रहे थे। तभी वहां खेलते हुए बच्चों की एक...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी के प्रवचनों से—201

Jeewan Aadhar Editor Desk
रामचंद्र जी को जब उनके पिता दशरथ राजपाट सौंपने वाले थे, तभी उनकी दूसरी पत्नी कैकेयी को उनकी दासी मथंरा ने खूब भड़काया। मंथरा ने...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—200

रामायण में रावण के भाई कुम्भकरण की भूमिका भी अद्भुत है। कुंभकर्ण रावण का छोटा भाई तथा ऋषि विश्रवा का पुत्र था। कुंभकर्ण की ऊंचाई...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—199

Jeewan Aadhar Editor Desk
द्वापर युग की बात है। यह बात हर कोई जानता था कि कौरव, पांडवों को हमेशा से अपना शत्रु मानते थे और कैसे भी करके...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—198

कुरुक्षेत्र में कौरवों और पांडवों के बीच 18 दिन तक घमासान युद्ध चला था। एक ओर धर्म के साथ लड़ने वाले पांडव थे, तो दूसरी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—197

श्रीकृष्ण हमेशा कर्ण की दानवीरता की प्रशंसा करते थे। अर्जुन और युधिष्ठिर भी दान-पुण्य करते रहते थे, लेकिन श्रीकृष्ण कभी उनकी प्रशंसा नहीं करते थे।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—196

महाभारत की कहानी में सिर्फ दुश्मनी नहीं है, बल्कि इसमें दोस्ती और प्यार के कई किस्से भी शामिल हैं। कर्ण और दुर्योधन की मित्रता भी...