धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—175

एक राजा संत-महात्माओं का बड़ा आदर करता था। एक बार उसके राज्य में किसी सिद्ध संत का आगमन हुआ। राजा ने अपने सेनापति को उन्हें...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज—174

वर्ष 1893 की बात है। यह स्वामी विवेकानंद के जीवन काल का समय था। अपनी विद्वता से स्वामी विवेकानंद देश ही नहीं बल्कि विदेश में...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—173

एक बार एक राजा के तीन पुत्र थे। राजा यह जानना चाहता था कि उसका कौन सा पुत्र अधिक बुद्धिमान हैं। मुश्किल हालातों में कौन...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—172

भक्त प्रह्लाद के पोते और राजा विरोचन के पुत्र थे महाराज बलि। राजा विरोचन की पत्नी सुरोचना ने महाराज बलि को जन्म दिया था। विरोचन...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—171

एक दुकानदार व्यवहार—शास्त्र की पुस्तक पढ़ रहा था। उसी समय एक सीधे-साधे व्यक्ति ने आकर कौतूहलवश पूछा– “क्या पढ़ रहे हो भाई ?” इस पर...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—170

हस्तिनापुर के राजकुमार पांडव और कौरव गुरुकुल गए थे। वे गुरु द्रोण के आश्रम में शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। वह प्रतिदिन नियमबद्ध तरीके से...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—169

स्कूल में बच्चों के द्वारा प्रयोग की जाने वाली पैंसिल सदा हमारे लिए मार्गदर्शक का काम करती है। पैंसिल में पांच ऐसे गुण हैं, जिन्हें...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी के प्रवचनों से—168

सतयुग में जब एक बार गणेशजी ने परशुराम को शिव दर्शन से रोक लिया तो, रुष्ट परशुराम ने उन पर परशु प्रहार कर दिया, जिससे...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—167

बासमती चावल बेचने वाले एक सेठ की स्टेशन मास्टर से साँठ-गाँठ हो गयी। स्टेशन मास्टर ट्रैन में आने वाला चावल चुरा लेता सेठ को आधी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—166

बहुत समय पहले की बात है हिमालय के जंगलों में एक बहुत ताकतवर शेर रहता था। एक दिन उसने बारासिंघे का शिकार किया और खाने...