धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—133

देवराज इंद्र के पुत्र जयंत थे। राजा का बेटा था तो उसे लगता था कि वह जो भी करेगा, सब सही है। रामायण में वनवास...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—132

द्वारिका के डूब जाने के बाद भगवान श्रीकृष्ण जंगल में एक वृक्ष के नीचे परमधाम का ध्यान लगाकर बैठे थे। उनके पैर के अंगूठे की...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—131

महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका में अपने परिवार के साथ रहने के लिए चले गए। लेकिन कुछ समय के बाद उनके यादववंश...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—130

कुरुक्षेत्र के मैदान पर कौरव और पांडव सेनाएं आमने—सामने थी। अर्जुन ने दोनों सेनाओं के बीच जाकर जब दृश्य देखा तो हाथ से धनुष छूट...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—129

महिलाओं को जीवन में पूरा आदर देना चाहिए। जिस घर में नारी का सम्मान नहीं वहां का जल भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। जहां नारी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—128

Jeewan Aadhar Editor Desk
देश और समाज के लिए शांति सबसे अधिक ज्यादा आवश्यक है। जिस देश और समाज में शांति होगी वहां तरक्की ज्यादा होगी। सामज और देश...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—127

परिवार और गृहस्थी में प्रेम ही सबसे ऊपर होता है। परिवार और गृहस्थी का आधार प्रेम होता है। इसमें कभी कमी नहीं आनी चाहिए। पारिवारिक...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 126

श्रीकृष्ण ने उज्जयिनी आजकल का उज्जैन के महर्षि सांदीपनि के आश्रम में शिक्षा ली। जब गुरुदक्षिणा देने की बारी आई तब सांदीपनि ने मांगा कि...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—125

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, बच्चों को जिम्मेदारी लेना बचपन में सिखा देना चाहिए। इससे उनकी निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। बच्चों को पढ़ाई के साथ—साथ...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 124

जीवन संघर्ष के लिए बना है। इसके लिए कोई आयु निर्धारित नहीं होती। भगवान श्रीकृष्ण का जन्म आधी रात को मथुरा में कंस की कारागृह...