परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—631 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—631Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 16, 2025August 16, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—630 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—630Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 15, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 629 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 14, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—628 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—628Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 13, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 627 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 12, 2025
धर्मओशो : शास्त्र के पीछेJeewan Aadhar Editor DeskDecember 1, 2017 December 1, 2017 तिब्बत के धर्मशास्त्र कहते हैं:साल में एक बार जरूर नहाना चाहिए। मगर मूढ़ताएं कुछ अलग -अलग है। मेरे पास कुछ तिब्बती लामा आकर एक बार...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—66Jeewan Aadhar Editor DeskDecember 1, 2017January 24, 2024 December 1, 2017January 24, 2024 कई कहते हैं कि गुरू तो परमात्मा है। नहीं पंच र्भाैतिक शरीर वाला कोई भी परमात्मा नहीं हो सकता, हाँ परमात्मा की ओर जाने वाले...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—03Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 30, 2017 November 30, 2017 अत्यन्त वेग से वमन होकर अन्न जल बाहर निकल जाता है वैसे प्राण को बल से बाहर फेंक के बाहर ही यथाशक्ति रोक देवे। जब...
धर्मस्वामी राजदास : भक्ति में भावना की प्रधानताJeewan Aadhar Editor DeskNovember 30, 2017 November 30, 2017 चैतन्य महाप्रभु जब जगन्नाथ पुरी से दक्षिण की यात्रा पर जा रहे थे तो उन्होंने एक सरोवर के किनारे कोई ब्राह्मण गीता पाठ करता हुआ...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—65Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 30, 2017January 23, 2024 November 30, 2017January 23, 2024 धर्म प्रेमी सज्जनों! यह संसार समुद्र है अपने जीवन का मन्थन करो। मन को मंदराचल पर्वत बनाओ और प्रेम की डोर से उसको मथो तो...
धर्मओशो : वासना का रुपJeewan Aadhar Editor DeskNovember 30, 2017 November 30, 2017 मैं एक साधु के साथ बैठा था गंगाके किनारे। बचपन के मेरे मित्र थे।फिर मैं असाधु हो गया वे साधु हो गए। दोनो बैठे बाते...
धर्मसत्यार्थप्रकाश के अंश—02Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 जिन पुरूषों का मन विद्या के विलास में तत्पर रहता, सुन्दर शील स्वभाव युक्त, सत्यभाषणादि नियम पालनयुक्त और अभिमान अपवित्रता से रहित, अन्य की मलीनता...
धर्मस्वामी राजदास:साधुता की कसौटीJeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 एक बार एक धनी व्यक्ति ने एक ऊँची बल्ली पर रत्न जटित कीमती कमण्डल टाँग दिया और घोषणा की कि जो कोई साधु इस बल्ली...
धर्मओशो : गहरा प्रेम करोJeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017 November 29, 2017 प्रेम करो। प्रेम से बचो मत। गहरा प्रेम करो! इतना गहरा प्रेम करो कि जिससे तुम पेम करो, वही तुम्हारे लिए परमात्मा हो जाए। इतना...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—64Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 29, 2017January 22, 2024 November 29, 2017January 22, 2024 मनुष्य जितने भी पाप करता है उसके मूल में उसका अंह ही पलता है। अभिमान में आदमी अन्धा हो जाता है और न करने के...