फतेहाबाद

कमेटी का दावा : गांव सिधानी में कैंसर के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की बातें निराधार

फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
जिला के गांव सिधानी में कैंसर के बढ़ते मामलों संबंधी सूचनाओं की वैधता को जानने के लिए गठित की गई पांच सदसीय कमेटी ने यह पाया है कि गांव में कैंसर के मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की बातें निराधार है। उपायुक्त डॉ. हरदीप सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कमेटी के सदस्यों द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन में यह बात सामने आई है कि गांव में कैंसर के मामलों की संख्या राष्ट्रीय औसत के लगभग बराबर है। इस संबंध में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली के पत्र तथा इसकी निरंतरता में हरियाणा के राज्यपाल द्वारा गांव सिधानी में कैंसर मामलों की जांच कराए जाने के संबंध में एक कमेटी का गठन किया गया था। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव तथा पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंस, रोहतक द्वारा जारी पत्रों के उपरान्त पांच सदसीय कमेटी ने गांव सिधानी का दौरा किया और कैंसर के बढ़ते मामलों संबंधी शिकायत की जांच की।

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डॉ. हरदीप सिंह ने बताया कि इस कमेटी में पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंस, रोहतक के उप कुलपति के प्रतिनिधि के तौर पर वरिष्ठ प्रोफेसर तथा रेडियो थैरेपी विभाग के प्रमुख डॉ. विवेक कौशल, तत्कालीन उपायुक्त डॉ. जेके आभीर, पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंस के सहायक प्रोफेसर डॉ. वरूण अरोड़ा, सिविल सर्जन फतेहाबाद के प्रतिनिधि के तौर पर जाखल के एसएमओ डॉ. सुशील कुमार तथा हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी के प्रतिनिधि के तौर पर फील्ड ऑफिसर संजीव कुमार शामिल थे।
इस कमेटी द्वारा यह पाया गया कि गांव व इसके आसपास ऐसी कोई इंडस्ट्री नहीं है जिससे की यहां के पेयजल का प्रदूषण होता हो। इसके अतिरिक्त कमेटी के द्वारा गांव के विभिन्न स्थानों से भूमिगत जल के सैम्पल भी एकत्रित किए गए। कमेटी के सदस्यों ने ग्रामीणों, कैंसर के मरीजों तथा उनके परिजनों से भी बातचीत की। इसके अलावा वर्ष 2007 से वर्ष 2017 तक कैंसर के मामलों व कैंसर के कारण से हुई मौत के आंकड़े भी जुटाए गए। अध्ययन के दौरान कैंसर के कई मृतकों के परिजनों से बातचीत में यह बात भी सामने आई कि मृतक धूम्रपान के साथ-साथ एल्कोहल भी लेते थे। कमेटी के सदस्यों ने बताया कि यहीं दो कारक ऐसे है, जिनके कारण से पूरे देश में कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा पाया गया है। सदस्यों ने ग्रामीणों को यह आश्वासन दिया है कि पंडित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साईंस, रोहतक द्वारा उनकी हरसंभव मदद की जाएगी और उनके गांवों के कैंसर मरीजों का यूनिवर्सिटी में प्राथमिकता के आधार पर उपचार किया जाएगा।

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