हिसार,
वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं विधायक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि भाजपा सरकार की तानाशाही कार्यप्रणाली का खामियाजा राज्य के पंचायत प्रतिनिधियों को भी भुगतना पड़ रहा है। राज्य की जमीनी हकीकत से अनभिज्ञ मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा गत दिवस चंडीगढ़ में पंचायत प्रतिनिधियों से मुलाकात करके उनकी मांगे सुनने की बजाय ओएसडी भेजकर मांगे अनसुनी कर देना राज्य की पंचायती राज व्यवस्था के लिए ठीक नहीं है, क्योंकि पंचायत प्रतिनिधि गांवों की आवाज होता है और उसकी बात सुनना सरकार का दायित्व है। वैसे तो जिस प्रकार से देश, प्रदेश की भाजपा सरकार की पिछले चार वर्षों में नीतियां रही हैं, उससे साफ है कि भाजपा को देश की लोकतांत्रिक प्रणाली में विश्वास नहीं है। भाजपा व आरएसएस का एक ही ध्येय है देश में धर्म, जात-पात के नाम पर नफरत फैलाकर तानाशाही शासन लागू करना, जिसमें भाजपा कभी सफल नहीं हो पाएगी। वे वीरवार को हिसार लोकसभा के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों में भाग ले रहे थे। इस दौरान उन्होंने लोगों का सुख-दुख जाना।
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंचायत प्रतिनिधियों पर एक अप्रैल से ई-प्रणाली लागू करने का फरमान तो सुना दिया, परंतु पंचायत को गांवों में कोई भी संसाधन उपलब्ध नहीं करवाए है। बिना संसाधन उपलब्ध करवाए पंचायते किस प्रकार से ई-प्रणाली को लागू कर पाएंगी इसको लेकर पंचायत प्रतिनिधि असंमजस में है। इसी तरह पंचायत प्रतिनिधियों की अन्य मांगे भी है, जिनकी सुनवाई सरकार को करनी चाहिए, लेकिन पिछले 4 वर्षों से सरकार पंचायत प्रतिनिधियों की अनदेखी करती आ रही है। विधायक ने कहा कि राज्य भर से करीब 7 से 8 हजार पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा एकत्रित होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन से साफ है कि कोई भी वर्ग भाजपा से संतुष्ट नहीं है। राज्य सरकार नौकरियां भरने की बात तो कर रही है, परंतु राज्य के सरकारी स्कूलों, सरकारी अस्पतालों सहित विभिन्न सरकारी विभागों में हजारों पद खाली पड़े हैं, जिन्हें जल्द भरा जाना अति आवश्यक है।
विधायक ने कहा कि राज्य सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए सक्षम योजना चलाई है, परंतु इसमें युवाओं पर कई शर्तें थोप दी गई है, जिससे इस योजना के तहत कोई खास लाभ नहीं पहुंच रहा। इस योजना के तहत अधिकतम लाभ 3 वर्षों तथा आवेदन के लिए अधिकतम आयु 35 वर्ष की शर्त हटानी चाहिए। इसके अलावा ऑनलाइन पंजीकरण के नियमों में भी सरलीकरण चाहिए। सरकार की अगर सही मायने में राज्य के पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार देने की नियत है तो विभिन्न विभागों में खाली पड़े पदों को जल्द से जल्द भरने के लिए आवेदन निकालने चाहिए। राज्य की शिक्षा प्रणाली तथा चिकित्सा व्यवस्था बीमार हालत हैं, जिन्हें सुधारने की दिशा में वर्तमान सरकार कोई भी ठोस नीति नहीं बना रही। खोखले दावों और झूठी घोषणाओं से प्रदेश का भला होने वाला नहीं है। यह बात राज्य की जनता भली भांति समझ चुकी है और आने वाले चुनावों में जनता भाजपा को वोट की चोट से सबक सिखाएगी। इस दौरान रणधीर सिंह पनिहार, गुलजार काहलो, जयवीर गिल, सुभाष टाक, मान सिंह चेयमैन, देवेन्द्र सैनी, राजाराम खिचड़ सहित बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित थे।