चंडीगढ़,
पंजाब हरियाणा हाइकोर्ट ने नाॅन एचटेट पीजीटी को हटाने के लिए एचटेट पास शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रदेश सरकार को फटकार लगाई। कोर्ट ने हरियाणा सरकार से पूछा है कि पात्रता परीक्षा पास ना करने वाले शिक्षकों को हटाया क्यों नहीं गया है। यह भी पूछा गया कि कैसे अापात्र शिक्षकों को स्कूलों में पढ़ाने की अनुमती दी जा सकती है। हाइकोर्ट में दाखिल इस याचिका के चलते हरियाणा के स्कूलों में शिक्षण कर रहे 4600 से अधिक नाॅन एचटेट शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक गई है। ध्यान रहे कि इन शिक्षकों को नौकरी बचाने के लिए 1 अप्रैल तक हरियाणा शिक्षक पात्रता परीक्षा पास करनी थी।
एचटेट पास उम्मीदवारों सुधिर सिंह व अन्य द्वारा दायर याचिका दाखिल करते हुए कहा गया था कि वर्ष 2012 में 14216 पीजीटी पदों का विज्ञापन जारी हुअा था। तत्कालीन हुड्डा सरकार ने अतिथि अध्यापकों को भर्ती में अावेदन करने का मौके दिया था। इसके तहत सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों में 4 साल का शिक्षण अनुभव रखने वाले उम्मीदवारों को भर्ती में शामिल किया गया। भर्ती में शामिल किए जाने की यह शर्त थी कि चयनित होने पर उम्मीदवार को 1 अप्रैल 2015 तक अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करनी होगी। बहुत से उम्मीदवार इस छूट का सहारा लेकर पीजीटी चयनित हो गए लेकिन 1 अप्रैल 2015 तक वे अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने में विफल रहे। विफल रहने पर उन्होंने सराकर पर दबाब बनाया कि उन्हें और समय दिया जाए।
त्तकालीन हुड्डा सरकार ने एेसे पीजीटी शिक्षकों को एक मौका और देते हुए उन्हें 1 अप्रैल 2018 तक अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने का समय प्रदान कर दिया लेकिन 6 साल बीतने पर व गत वर्षों में अनेक 6 साल बीतने पर व गत वर्षों में अनेक बार अायोजित हुई अध्यापक पात्रता परीक्षा को पास करने में ये पीजीटी शषित्क्षकों ने एक बार फिर से सरकार व शिक्षा विभाग पर दबाव बनाया कि उन्हें अध्यापक पात्रता परीक्षा पास करने के लिए 3- 4 साल का समय और दिया जाए। शिक्षामंत्री ने उन्हें और समय देने की घोषणा भी कर दी जबकि इस बारे में कानूनन कोई नोटिफिकेशन कर भी जारी नहीं हुअा और न ही कोई विभागीय निर्देश हैं।