हिसार,
एचएसईबी वर्कर यूनियन की ओर से जारी आंदोलन सोमवार को सातरोड़ सब यूनिट से उठाकर राजगढ़ रोड स्थित एक्सईएन कार्यालय पर शुरू कर दिया गया। इस दौरान धरना व प्रदर्शन की अध्यक्षता यूनिट प्रधान सतबीर गोस्वामी ने की, वहीं मंच का संचालन दिनेश शर्मा ने किया। धरने पर उमड़े कर्मचारियों ने उपमंडल अधिकारी संजय सांगवान द्वारा कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किए गए झूठे मुकदमो और नाजायज तौर पर की गई वरिष्ठ पदाधिकारियों की सस्पेंशन के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर अधिकारियों ने किसी भी कर्मचारी का उत्पीड़न किया तो कार्य का पूर्ण बहिष्कार करते हुए आंदोलन को ओर तेज कर दिया जाएगा।
इस मौके पर संबोधित करते हुए सर्कल सचिव हिसार दलीप सोनी ने कहा कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए निगम प्रशासन के आगे झूठी रिपोर्ट पेश करते हुए आरोप लगा रहे हैं कि कर्मचारियों के खिलाफ चलाई जा रही स्पेशल ऑडिट के फलस्वरुप यह प्रदर्शन किया जा रहा है। लेकिन स्पेशल ऑडिट ने जो स्पेशल रिपोर्ट सिटी सब डिवीजन में दी थी, उस पर विभाग ने पहले ही कार्रवाई कर दी है और सातरोड डिविजन की विचाराधीन है। इन दोनों ऑडिट का कर्मचारियों के प्रदर्शन से कोई संबंध नहीं है।
उन्होंने कहा कि एचएसईबी यूनियन की सब यूनिट कार्यकारिणी ने उपमंडल अधिकारी को निगम हित से संबंधित व कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान हेतु मांग पत्र 31 मई 2018 को दिया था। इसके बारे में अधीक्षक अभियंता और कार्यकारी अभियंता नंबर -2 को भी सूचित किया गया था जिसमें उपमंडल अधिकारी द्वारा फैलाये जा रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की गई थी। इसके साथ ही पर्याप्त मात्रा में कनिष्ठ अभियंता होने के उपरांत लाइनमैन को एरिया इंचार्ज बनाने, निगम के स्थाई कर्मचारियों द्वारा ठेकेदारी करने, हरियाणा सरकार की म्हारा गांव जगमग गांव योजना के तहत किए गए कार्यों की जांच जैसी मांगों को प्रमुखता के साथ उठाया गया था। लेकिन निगम अधिकारी ने उक्त मांगों से ध्यान हटाने के लिए कर्मचारियों को अपने कार्यालय में बुलाया और उनसे अभद्र भाषा में व्यवहार करते हुए गालियां दी और कार्यकारी अभियंता के इशारे पर कर्मचारियों के बीच जाकर उन को उकसाने का प्रयास किया। कर्मचारी नेताओं के संयम के चलते जब कार्यकारी अभियंता अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका तो उसने कर्मचारियों पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा कर उन्हें बर्खास्त कर दिया।
दलिप सोनी ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा आमजन के हित में चलाई गई म्हारा गांव जगमग गांव योजना के अंदर भारी अनियमितताओं के चलते बहुत बड़ा घोटाला किया गया है। इसकी अभी तक जांच पूरी नहीं हुई है, क्योंकि इसमें निगम के भ्रष्ट अधिकारी शामिल है। पिछले दिनों आईडीपीएस स्कीम में उजागर हुए बड़े घोटाले के उपरांत आला अधिकारियों पर गाज गिरी थी और कम से कम 10 से 15 अधिकारी बर्खास्त किए गए थे। इस तरह के घोटालों को छुपाने के लिए पावर इंजीनियर एसोसिएशन की आड़ में कुछ भ्रष्ट अधिकारी अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं और निगम प्रशासन का ध्यान भटका कर कर्मचारियों को दोषी साबित करने पर उतारू हैं, जबकि कर्मचारी दिन-रात मेहनत करके निगम को घाटे से उबारने के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ भ्रष्ट अधिकारी सरकार की छवि खराब करने के लिए कर्मचारियों को उकसा रहे हैं ताकि यहां का माहौल खराब हो और उनके काले कारनामों पर परदा डाला जा सके। उन्होंने कहा कि यूनियन कर्मचारी के साथ किसी भी प्रकार की ज्यादती नहीं होने देगी। अगर निगम मैनेजमेंट ने समाधान नहीं किया तो आगे तेज व तीखा आंदेालन होगा। कर्मचारी नेता दिनेश शर्मा ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करवाई जाए और यूनियन द्वारा दिए गए 33 सूत्री मांग पत्र का हल निकाला जाए। कर्मचारी नेता विनोद दोहन ने आरोप लगाया कि भ्रष्ट अधिकारी अपने काले कारनामों के ऊपर पर्दा डालने के लिए यूनियन को बदनाम करते हुए टकराव की स्थिति बना रहे हैं। जिसे किसी की सूरत में सहन नहीं किया जाएगा।
कर्मचारी नेता सतवीर गोस्वामी ने कहा कि इस पूरे प्रकरण को लेकर एक्सईएन लांबा को स्थिति से अवगत करवाया जा चुका है। ऐसी स्थिति में अगर माहौल खराब होता है तो इसकी जिम्मेदारी निगम प्रशासन व संबंधित अधिकारियों की होगी। इस मौके पर प्रेस सचिव विजयपाल जाखड़, उप महासचिव जसवंत सिंह, उपप्रधान महेंद्र सिंह, यूनिट प्रधान विनोद दूहन, कृष्ण भिवानी रोहिला, राजेश शर्मा सब यूनिट प्रधान, जगदीश जाखड़, रविंद्र, जयप्रकाश सोनी, रमेश कुमार, भूपेंद्र रेड्डू, देवेंद्र र्श्माा, राजकुमार यादव, सचिव जोनी कुमार, दीपक कुमार, संजीव कुमार, हसनअली, ईश्वर सिंह, आजाद सिंह, धर्मवीर फौजी सहित भारी संख्या में कर्मचारी व पदाधिकारी मौजूद थे।