हिसार

ना किसी से दुश्मनी और ना ही कभी हुई कहासुनी..फिर किसने उजाड़ा गरीब मजदूर महाबीर का घर

आदमपुर (अग्रवाल)
गांव सीसवाल में मंगलवार देर रात करीब 10 बजे कुलदीप बाजीगर को गोलियों से छलनी कर दिया गया। कुलदीप बाजीगर और उसके परिवार की ना किसी से कोई दुश्मनी थी और ना ही कभी किसी से कोई कहासुनी हुई। ऐसे में कुलदीप बाजीगर को क्यों और किसने मारा—यह एक बड़ी पहली पुलिस के सामने बन गई है।

हिसार पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस ब्लाइंड मर्डर को सुलझाने के लिए सीआईए सहित 4 टीमों का गठन कर मामले की जांच आरंभ करवा दी है। पुलिस की चारों टीम अलग—अलग दिशा में काम कर रही है। ग्रामीणों का एक पक्ष शुरुआत से ही मान रहा है कि हमलावर किसी और को मारने के लिए आए थे लेकिन गलती से उन्होंने कुलदीप बाजीगर पर गोलियां बरसा दी।

बता दे, करीब 25 वर्षीय कुलदीप पुत्र महाबीर बाजीगर मजदूरी का काम करता था। कुलदीप मजदूरी करने के बाद शाम को बालीवॉल खेलने जाता था। रोजाना की तरह मंगलवार को भी वह गांव के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रांगण में बने मैदान में बालीवॉल खेलकर देर रात घर लौट रहा था। घर से महज 500 कदमों की दूरी पर अचानक उस पर कुछ हमलावरों ने फायरिंग करनी आरंभ कर दी। कुलदीप बाजीगर को कई गोलियां लगने के कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

आदमपुर थाना प्रभारी सुनील कुमार ने बताया कि पुलिस हत्या को अलग—अलग एंगल से देख रही है। मृतक के परिजनों ने फिलहाल किसी पर शक जाहिर नहीं किया है। इसके चलते इस मामले को सुलझाने में थोड़ा समय लग सकता है लेकिन पुलिस जल्द ही हमलावरों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। गांव के सरपंच घीसाराम का कहना है कि हमलावरों का कोई पता नहीं चल पाया है हमलावर कौन थे और किस पर सवार होकर आए थे।

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