हिसार,
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पंजाबी कोई जाति या धर्म नहीं बल्कि एक संस्कृति है। अपनी संस्कृति के अनुसार हम पंजाबी हैं लेकिन भौगोलिक स्थिति के अनुसार हम सब हरियाणवी हैं। हम सबको हरियाणा के सर्व समाज के साथ घुल-मिलकर अपनी पहचान हरियाणा एक हरियाणवी एक के नारे के अनुरूप बनानी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल आज गुरू जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय स्थित चौ. रणबीर सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित पंचनद स्मारक ट्रस्ट युवा सम्मेलन को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता ट्रस्ट के संरक्षक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने की।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि पंजाबी कोई जाति या धर्म नहीं है बल्कि पांच नदियों के क्षेत्र में बसने वाले सभी लोग पंजाबी कहलाए। पांच नदियों से ही पंचनद बना है। 1947 में आजादी के समय हुए बंटवारे में पंजाब का पश्चिमी हिस्सा कटकर पाकिस्तान में चला गया और उसके बाद 1966 में पंजाब प्रांत के विभाजन के बाद हरियाणा अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि हम अपनी संस्कृति से बेशक पंजाबी हैं लेकिन भौगोलिक स्थिति के अनुसार हरियाणवी हैं और यदि हम अपने आप को केवल पंजाबी ही समझते रहे तो हरियाणा के साथ जुड़ नहीं पाएंगे। उन्होंने सभी समुदायों से आह्वान किया कि वे एक हद तक ही अपने मन में जाति की भावना रखें और पूरे समाज को एक समझते हुए आदर्श समाज के निर्माण में सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि पंजाबी संस्कृति की अच्छी बातों व अपने समृद्ध संस्कारों को जन-जन मंे फैलाएं। हरियाणा की संस्कृति से एकाकार होकर आगे बढ़ेंगे तभी हम सच्चे अर्थों में तरक्की करेंगे। इसी भावना के तहत हमने हरियाणा एक हरियाणवी एक का नारा दिया है। जब हम मैं को छोड़कर हम और अपने की भावना को अपनाएंगे तो सबका साथ-सबका विकास के सपने को पूरा होते देर नहीं लगेगी। हम सबको जाति विशेष के इस्तेमाल से परहेज करते हुए बड़े मन के साथ आगे बढ़ना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की 65 प्रतिशत आबादी 35 साल की आयु की है, इसीलिए भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और हमें अपनी युवा शक्ति पर गर्व है। उन्होंने कहा कि युवा नाम है जोश का, होश का और सेवा व समर्पण का। उन्होंने युवा वर्ग से अपनी ताकत देश को समर्पित करने का आह्वान किया। उन्होंने देश के काम आने वाले शहीद उधम सिंह, शहीद भगत सिंह, राजगुरू, मदनलाल धींगड़ा व गुरू गोबिंद सिंह सहित अनेक वीर महापुरूषों को भी याद किया।
उन्होंने कहा कि 14 अगस्त 2015 को कुरूक्षेत्र में शहीदों की याद में बनने वाले पंचनद स्मारक का शिलान्यास हुआ था। उन्होंने कहा कि मैं उसी समय एक लाख रूपये देकर इसका ट्रस्टी बन गया था और पिछली बार पिताजी की दी हुई तीन एकड़ पुश्तैनी भूमि में से एक एकड़ जमीन भी स्मारक को समर्पित कर दी थी। उन्होंने कहा कि अब मैं अपने एक महीने का वेतन ट्रस्ट को भेंट करता हूं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी धर्मदेव ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को फरिश्ता बताते हुए कहा कि देश और समाज को ऐसे दूत रोज-रोज नहीं मिलते। उन्होंने कहा कि सामान्यतः हम सब जनता को जनार्दन कह देते हैं लेकिन मुख्यमंत्री वास्तव में जनता में भगवान का वास मानते हैं और हर प्रकार की संकीर्णता से उपर उठकर दिन-रात उनकी सेवा में जुटे रहते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनका व्यक्तित्व कुर्सी पर आने से निखरता है लेकिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल ऐसी शख्सियत हैं जिनके बैठने से मुख्यमंत्री पद की शोभा बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि क्या आज तक कोई ऐसा मुख्यमंत्री हुआ है जिसे अपने लिए कुछ नहीं चाहिए। यहां तो ऐसे-ऐसे राजनेता हुए हैं जिन्होंने अपने लिए देश ही नहीं, विदेशों में भी 400-400 एकड़ में फार्म हाउस बनवा लिए। ऐसे लोगों के बीच तपस्वी प्रधानमंत्री व त्यागी मुख्यमंत्री का होना देश व प्रदेश का सौभाग्य है।
उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम युवाओं का है और युवा जो चाहे वह कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने जज्बात व तरूणाई हम जीएंगे और मरेंगे ए वतन तेरे लिए की भावना को समर्पित करें। उन्होंने कहा कि जब देश की बात आए तो अपनी जाति व धर्म को एक तरफ रखकर मानव व राष्ट्र धर्म के लिए काम करना, यही तुम्हारा सच्चा धर्म है।
उन्होंने कहा कि 1857 से 1947 के दौरान 90 वर्ष तक देश की आजादी की लड़ाई में 7 लाख लोगों ने शहादत दी लेकिन 1947 में विभाजन की आग में 10-12 लाख लोगों की शहादत हुई। उन्होंने कहा कि कुरूक्षेत्र में 25 एकड़ भूमि पर जल्द ही भव्य स्मारक का निर्माण शुरू होगा।
पंचनद स्मारक ट्रस्ट के प्रदेश अध्यक्ष व थानेसर के विधायक सुभाष सुधा ने कहा कि पंजाबी समाज ने विभाजन के 10 लाख शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हमने 8 साल पहले पंचनद स्मारक ट्रस्ट का निर्माण किया था। इसके लिए समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। हमने पहले स्मारक के लिए सरकारों से जमीन देने की गुहार लगाई लेकिन जब किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो हमने निश्चय किया कि हम किसी से जमीन नहीं मांगेंगे और खुद के प्रयासों से 25 एकड़ जमीन का प्रबंध किया गया है। यह दुसाध्य कार्य मुख्यमंत्री मनोहर लाल के सहयोग से संभव हो पाया है।
कार्यक्रम के आयोजकों ने फूलमालाओं, बुके व पगड़ी पहनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने पंचनद स्मारक ट्रस्ट के सभी जिलों के जिला संयोजकों व इकाई संयोजकों को सम्मानित किय। इस अवसर पर ट्रस्ट की प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए जितेंद्र गेरा को इसका प्रदेश अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई। प्राची खुराना ने एक लाख रूपये देकर ट्रस्टी बनने की घोषणा की।
इस अवसर पर हिसार विधायक डॉ. कमल गुप्ता, पूर्व मंत्री सुभाष कत्याल, उपायुक्त अशोक कुमार मीणा, पुलिस अधीक्षक मनीषा चौधरी, मिट्टी कला बोर्ड के चेयरमैन कर्णसिंह रानोलिया, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, भाजपा जिला महामंत्री सुजीत कुमार, जिला सचिव कृष्ण बिश्नोई, ट्रस्ट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एडवोकेट सुरेंद्र गुलाटी, जिला अध्यक्ष संजीव रेवड़ी, प्रो. मनदीप मलिक, अनिल सैनी मानी, सुदेश चौधरी, सुखबीर डुडी, मुनीष ऐलाबादी, गायत्री यादव, विनीत नरूला, सर्वजीत गुलाटी, अनिल कुकड़ेजा, प्रवीन सरदाना, नितिन मेहता, गोविंद मधु, मुकेश खनेजा, रवि छाबड़ा, मुकेश चावला, लोकेश अनेजा, प्रवीन ग्रोवर, फतेहाबाद के नगर परिषद चेयरमैन दर्शन नागपाल, भाजपा नेता लक्ष्मीनारायण उर्फ घोलू गुर्जर, नगर निगम आयुक्त अशोक बंसल, अरविंद कोहली, श्याम बजाज, चंद्र गुलाटी, रविंद्र कोहली सहित प्रदेश के सभी जिलों से आए ट्रस्ट के पदाधिकारी व सदस्य मौजूद थे।