हिसार,
हरियाणा प्राइवेट स्कूल संघ ने प्रदेश के 50 हजार बच्चों के भविष्य को बचाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल व शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा को पत्र लिखकर एनरोलमेंट करवाने की मांग की है।
संघ के प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू ने बताया कि एमआईएस कोड वाले व एग्जिस्टिंग की फाइल लगाए हुए लगभग एक हजार स्कूलों में पढऩे वाले आठवीं कक्षा के करीब 50 हजार बच्चों का अभी तक एनरोलमेंट नहीं हुए है। इससे लग रहा है कि भाजपा सरकार को इन बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं है। इन स्कूलों को शिक्षा विभाग की तरफ से एमआईएस कोड मिला हुआ है, जिसके आधार पर इन बच्चों को पोर्टल पर आनलॉइन भी कर दिया है, लेकिन शिक्षा निदेशालय द्वारा इन स्कूलों के नाम शिक्षा बोर्ड भिवानी नहीं भेजे गए हैं, जिसके चलते इन स्कूलों के संबंद्धता का फार्म नहीं भरा जा रहा है। इन स्कूलों की संबंद्धता न होने से इनमें पढ़ रहे 50 हजार बच्चों का एनरोलमेंट नहीं हो सका है। इसलिए बच्चों का भविष्य देखते हुए जल्द से जल्द इनका एनरोलमेंट करवाया जाए।
कुंडू ने कहा कि जिन स्कूलों को स्थाई मान्यता मिले हुए दस वर्ष या इससे अधिक समय हो गया है, उन स्कूलों को दोबारा से फार्म नंबर दो निर्धारित फीस के साथ जमा कराने के आदेश भी दिए गए हैं, जिसका सीधा मतलब भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि शिक्षा नियमावली में कहीं भी दोबारा से दो नंबर फार्म भरवाने का जिक्र नहीं है। इन स्कूलों का केवल रिव्यू यानि समीक्षा शब्द मान्यता के लैटर में लिखा हुआ है जोकि शिक्षा बोर्ड भिवानी निरंतरता फार्म व दो हजार रूपए प्रतिवर्ष फीस भरवाकर पहले से ही समीक्षा कर रहा है। इसलिए संघ मांग करता है कि दो नंबर फार्म के आदेश को वापस लिया लाए।
उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि प्राइवेट स्कूल संचालक दोबारा से दो नंबर फार्म किसी भी सूरत में नहीं भरेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें कितना भी बड़ा आंदोलन क्यों न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इन समस्याओं को लेकर 15 दिसंबर को मेवात में संघ की प्रदेश स्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें आगामी रणनीति तैयार की जाएगी।