हिसार

एसिड बिक्री का रिकॉर्ड न रखने वाले विक्रेताओं पर होगी कार्रवाई : उपायुक्त

उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने सभी एसडीएम को नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए

हिसार,
एसिड (तेजाब) की बिक्री करने वाले ऐसे विक्रेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो बिक्री का रिकॉर्ड नहीं रखते हैं। एसिड की खुली बिक्री करना पूर्ण प्रतिबंधित है। ऐसा करने वाले पर का एसिड स्टॉक जब्त करते हुए उस पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने बताया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार तेजाब हमलों पर नियंत्रण के लिए जिला में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि एसिड की बिक्री का विक्रेता द्वारा पूर्ण रिकॉर्ड रखा जाए। उन्होंने बताया कि एसिड की बाजार में खुली बिक्री पूर्णत: प्रतिबंधित है। इसके लिए विक्रेता द्वारा रजिस्टर बनाकर प्रत्येक खरीददार का रिकॉर्ड रखना अनिवार्य है। माननीय सुप्रीम कोर्ट ने लक्ष्मी बनाम भारत सरकार केस में तेजाब की खुली बिक्री को बैन कर दिया तथा तेजाब खरीदने व बेचने वाले का रिकॉर्ड रखने के भी निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा कि तेजाब विक्रेता द्वारा खरीददार को एसिड बिक्री से पहले सरकार द्वारा जारी ऐसा पहचान पत्र देखा जाना अनिवार्य है जिस पर उसका पता वर्णित हो। रजिस्टर में एसिड खरीदने का कारण व उद्देश्य भी लिखा जाना अनिवार्य है। इसी प्रकार सभी विक्रेताओं द्वारा प्रत्येक 15 दिन की अवधि में एसडीएम के समक्ष एसिड के उपलब्ध स्टॉक की जानकारी देना जरूरी है। ऐसा न करने पर संबंधित एसडीएम द्वारा स्टॉक को जब्त किया जाएगा और विक्रेता पर 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। किसी भी विक्रेता द्वारा 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति को एसिड की बिक्री नहीं की जा सकती है। उन्होंने सभी संबंधित एसडीएम को एसिड की सप्लाई चेन व व्यापार माध्यमों का निरीक्षण करने और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों व अधिनियम के नियमों की अनुपालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार ने वर्ष 2013 में दफा 326ए, 326बी को भारतीय दंड संहिता में संशोधन किया है जिसके तहत तेजाब से हमला करने वाले लोगों को कम से कम 10 वर्ष व अधिकतम उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार तेजाब से हमले का प्रयास करने पर भी कम से कम पांच वर्ष व अधिकतम 7 वर्ष की सजा हो सकती है।
उन्होंने बताया कि तेजाब हमले की पीडि़त महिलाओं व बच्चियों के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारी के कार्यालय में विकलांगता के आधार पर पेंशन का भी प्रावधान है। हरियाणा पीडि़त मुआवजा योजना के तहत तेजाब हमलों के पीडि़तों को कम से कम तीन लाख रुपये मुआवजे का प्रावधान है।

Related posts

प्रधानमंत्री के ऑप्रेशन गंगा को सफल बनाने में जुटे भाजपाई

किसानों व काश्तकारों को आर्थिक उन्नति देगी भावांतर योजना : सोनाली

नगर पालिका कर्मचारियों ने 14 मई तक बढ़ाई हड़ताल