उपायुक्त ने किया फसल खराबे का विवरण दर्ज करने के कार्य का निरीक्षण, ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन आवेदन लेने के निर्देश दिए
प्रत्येक तहसील के लिए अलग से आवेदन लेने की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए
हिसार,
पिछले दिनों जिला में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का विवरण दर्ज करने के कार्य का उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने निरीक्षण किया। उन्होंने एसबीआई बीमा कंपनी के अधिकारियों को निर्देश दिए कि फसल खराबे के मुआवजे के लिए आने वाले प्रत्येक आवेदक के विवरण को दर्ज किया जाए और जिम्मेदार अधिकारी निर्धारित समयावधि में फिल्ड में जाकर खराबे की तसदीक करें ताकि किसानों को मुआवजा प्राप्त करने में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। उपायुक्त के निर्देशों के एक घंटे के भीतर बीमा कंपनी व कृषि विभाग के अधिकारियों ने कंप्यूटर व लैपटॉप तथा कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाकर विवरण दर्ज करने के कार्य की गति को तेज कर दिया।
उपायुक्त ने कहा कि जिला में ओलावृष्टि से फसलों को जितना नुकसान हुआ है उसकी भरपाई बीमा कंपनी के माध्यम से करवाई जाएगी। उन्होंने लघु सचिवालय की तीसरी मंजिल पर स्थित कृषि विभाग के कार्यालय में किसानों से आवेदन लेने के कार्य का निरीक्षण किया। उन्होंने यहां लगी एक ही क्योस्क मशीन से कार्य की गति अपेक्षा अनुरूप न होने की बात कहकर अधिकारियों को लैपटॉप व कंप्यूटर्स की संख्या को बढ़ाकर तेजी से आवेदन लेने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य को सुचारू तरीके से करवाने के लिए कृषि अधिकारियों को भी सहयोग करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि जिला की प्रत्येक तहसील के लिए अलग से काउंटर बनाकर आवेदन लिए जाएं। इतना ही नहीं, आवेदन लेने के कार्य को और अधिक गति प्रदान करने के लिए ऑफलाइन आवेदन भी स्वीकार किए जाएं जिन्हें बीमा कंपनी के प्रतिनिधि साथ-साथ स्वयं ऑनलाइन करें। उन्होंने कहा कि किसानों को आवेदन जमा करवाने में किसी प्रकार की दिक्कत न आने दी जाए। उपायुक्त के निर्देशों के बाद बीमा कंपनी ने कार्यालय में कंप्यूटर व लैपटॉप की संख्या बढ़ाकर फसल नुकसान का विवरण दर्ज करने के कार्य को तेज किया गया।
उपायुक्त ने मौके पर मौजूद किसानों से बातचीत की और उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने किसानों को भरोसा दिलाया कि ओलावृष्टि से खराब हुई फसल के विवरण दर्ज करवाने अथवा मुआवजा मिलने में उन्हें किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। इस अवसर पर कृषि विभाग व अन्य विभागों के अधिकारी तथा बीमा कंपनी के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।