हिसार

मोबाइल एप पर बहन की फेक व आपत्तिजनक वीडियो बनाकर डालने का आरोप, भाई ने आरोपियों पर कार्यवाही के लिए पुलिस को दी शिकायत

फेक वीडियो के माध्मय से बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को अपमानित करने का आरोप

हिसार,
गांव काजला निवासी सोनू पुत्र पूर्ण सिंह ने उसकी दिवंगत बहन की ‘वीगो’ एप पर आवाज बदलकर व आपत्तिजनक वीडियो डालने पर सदर थाना में शिकायत देकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
पुलिस को दी शिकायत में सोनू ने बताया कि वह अनुसूचित जाति से संबंध रखता है और उसकी बहन जो कि गांव पिंजोखरा में विवाहिता थी। वह वीगो स्टार थी और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को वह अपना आदर्श मानती थी और अपनी आईडी के माध्यम से समाज को जगाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो डालती थी। गत 19 अप्रैल को उसकी हार्ट अटैक के चलते मौत हो गई थी। सोनू ने बताया कि उसके बाद गत 20 मई उसने अपने मोबाइल पर देखा कि बाबा साहेब के नाम से बनाई गई फेक आईडी जिसमें उसने एट द रेट ऑफ जेबी, केसीराव, वामपंथी भीम, सुपर ब्वॉय इज बैक, लव तिवारी आदि को टैग कर रखा है, में मेरी बहन ने जो वीडियो बनाया था उसमें जो आवाज थी उसे हटाकर और उसमें आपत्तिजनक आवाज डालकर अपशब्द लिखे।
सोनू ने आरोप लगाया कि उक्त आरोपी ने ऐसा करके संविधान निर्माण बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर व अनुसूचित जाति से होने के कारण मेरी बहन को अपमानित किया है और यह फेक वीडियो वायरल किया है। सोनू ने कहा कि आरोपी की इस हरकत से उसकी भावनाओं व आत्म सम्मान को ठेस पहुंची है। क्योंकि आरोपी ने मेरी बहन के बनाए हुए वीडियो में आवाज बदलकर गलत व आपत्तिजनक आवाज डाली है और उस वीडियो पर आपत्तिजनक कमेंट भी किए हुए हैं। सोनू ने बताया कि उसने पुलिस को उसकी बहन द्वारा बनाई गई ऑरिजनल सीडी व फेक वीडियो की सीडी तथा स्क्रीन शॉट भी उपलब्ध करवाकर आरोपियों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट व अन्य धाराओं के तहत कार्यवाही की मांग की है।
वहीं सनातन धर्म चैरिटेबल ट्रस्ट एवं जय भीम आर्मी के चेयरमैन संजय चौहान ने कहा कि एससी, एसटी मामलों में पुलिस को तुरंत मुकदमा दर्ज करना होता है और तुरंत गिरफ्तारी करनी होती है वहीं हरियाणा के डीजीपी के आदेशानुसार तुरंत उसकी रसीद भी देनी होती है। लेकिन लेकिन उक्त मामले में गिरफ्तारी तो दूर सदर थाना पुलिस ने शिकायतकर्ता को सुबह से शाम तक बैठाए रखा और शाम को शिकाकर्ता को रसीद देने की बजाय शिकायत पर केवल डायरी नंबर डालकर दे दिया गया। इससे यह न केवल डीजीपी हरियाणा के आदेशों का बल्कि संविधान का भी उल्लंघन है। इससे साबित होता है कि पुलिस प्रशासन अनुसूचित जाति के लोगों के साथ भेदभाव व अन्याय कर रहा है। चौहान ने कहा कि पुलिस द्वारा अनुसूचित जाति उत्पीडऩ मामलों में देरी व ढुलमुल रवैया अपनाने से दोषी सजा से बच जाते हैं और पीडि़त न्याय से वंचित रह जाते हैं।

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