हिसार

पारदर्शिता व प्रशासन को जवाबदेह बनाना आरटीआई अधिनियम का मुख्य उद्देश्य : राज्य सूचना आयुक्त

सूचना का अधिकार अधिनियम विषय पर कार्यशाला आयोजित

हिसार,
राज्य सूचना आयुक्त जयसिंह बिश्नोई ने कहा है कि सरकारी तंत्र में पारदर्शिता तथा प्रशासन को जवाबदेह बनाना आरटीआई अधिनियम का मुख्य उद्देश्य है।
जयसिंह बिश्नोई लघु सचिवालय सभागार में सूचना का अधिकार विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। कार्यशाला के दौरान विभिन्न विभागों के एसपीआईओ तथा एसएसपीआईओ सहित अन्य अधिकारियों को आरटीआई के विभिन्न प्रावधानों के बारे में अवगत करवाया गया। राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने से नुकसान संबंधित जनसूचना अधिकारी को होता है। जानबूझकर जानकारी नहीं देने अथवा गलत जानकारी देने पर जनसूचना अधिकारी पर पेनल्टी लगाना जरूरी हो जाता है। ऐसी स्थिति से जनसूचना अधिकारी को बचना चाहिए। इसी प्रकार से आयोग के पत्रों का जवाब अवश्य दें और आयोग के निर्णय की अनुपालना सुनिश्चित की जानी चाहिए।
राज्य सूचना आयुक्त जयसिंह बिश्नोई ने कहा कि इस संबंध में अब संबंधित विभाग के डीडीओ को जवाबदेह बनाया गया है। इस प्रावधान में यह सुनिश्चित किया जाता है कि आयोग द्वारा लगाई गई पेनल्टी के लिए संबंधित अधिकारी व कर्मचारी के वेतन में कटौती करें, यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी सेवानिवृत हो जाता है तो उसकी पेंशन से यह कटौती की जाएगी। उन्होंने कहा कि एसपीआईओ क्लास-1 अधिकारी से नीचे का नहीं होना चाहिए। जनसूचना अधिकारी अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों को स्वयं पढऩा चाहिए। इससे गलती की संभावना कम होगी।
राज्य सूचना आयुक्त ने कहा कि सूचना आयोग को और अधिक सशक्त बनाने के लिए हरियाणा सरकार पंचकुला में राज्य सूचना आयोग का भवन बनाने जा रही है। इसके अतिरिक्त विभिन्न विभागों से जुड़ी कार्यप्रणाली ऑनलाइन की जा रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मुख्य सूचना आयुक्त के अलावा 7 सूचना आयुक्त प्रतिमाह एक हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा करते हैं। प्रतिमाह तीन हजार नए मामले आयोग का प्राप्त होते हैं। इससे पता चलता है कि लोगों में इस अधिनियम के प्रति जागरूकता बढ़ी है। अधिनियम के प्रावधानों के बारे में लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करने के लिए आगामी 9 अप्रैल को फतेहाबाद व 12 अप्रैल को सिरसा में भी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राज्य आयुक्त ने कहा कि हमें सादा जीवन एवं बेहतर आचरण के लिए हमारे महापुरूषों से प्रेरणा लेनी चाहिए व इसके लिए महापुरूषों से जुड़े दिवसों पर मौन व्रत कर आत्ममंथन किया जाना चाहिए। वे स्वयं भी ऐसा करते हैं।
इस अवसर पर उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम आम जनता की भलाई के लिए बनाया गया है। नागरिकों के द्वारा विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों और कार्यों की जानकारी मांगने पर निर्धारित समय सीमा में जानकारी उपलब्ध कराना हमारा दायित्व है। संबंधित अधिकारी को अपनी भूमिका तथा जिम्मेवारियों को समझते हुए प्रार्थियों को सूचना निर्धारित समयावधि में उपलब्ध करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को आरटीआई विषय विशेषज्ञों द्वारा विस्तार पूर्वक अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी देने के साथ-साथ उनके प्रश्नों और शंकाओं का समाधान भी किया गया है। इस अवसर पर एसडीएम डॉ. जितेंद्र अहलावत, विकास यादव, जगदीप सिंह, राजेंद्र कुमार, सीटीएम पुलकीत मल्होत्रा सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित थे।

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