धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—145

महाराष्ट्र में संतोबा नाम के एक प्रसिद्ध संत हुए। एक बार वह भ्रमण करते हुए राजणागांव पधारे। जब वह एक घर में भिक्षा मांगने पहुंचे...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—144

महाप्रलय की रात्रि का चौथा चरण, प्रजापति ब्रह्मा की निद्रा टूटी। परमेश्वर का स्मरण कर पुन: सृष्टि रचना की इच्छा से उन्होंने शैया-त्याग की और...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—142

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक ग्वाला रोज गायों को चराने गाय से बाहर जंगल में जाता था। जंगल में एक संत का आश्रम था। वहां संत रोज तप, ध्यान,...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—141

एक बार नारद मुनि पृथ्वी का भ्रमण कर रहे थे। तब उन्हें उनके एक खास भक्त जो नगर का सेठ था ने याद किया। अच्छी...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—140

किसी भी काम में स्थाई सफलता तभी मिलती है, जब अंतिम समय तक धैर्य का दामन थामे रहते हैं। जिस पल धैर्य छोड़कर जल्दबाजी करते...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—139

महाभारत की कहानी में जुए की घटना के बाद पांडवों को वनवास हो गया। तब श्रीकृष्ण ने दूरदृष्टि दिखाते हुए अर्जुन को समझाया कि यह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 138

भगवान श्रीकृष्ण ने दुनिया के सामने अपने जीवन काल में कई संदेश दिए जिसमें प्रमुख संदेश था धैर्यवान होने का। जब युधिष्ठिर को युवराज घोषित...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—137

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक बार पांडवों की ओर से श्रीकृष्ण दूत बनकर कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर पहुंचे। वहां उनका राजसी सम्मान हुआ। दुर्योधन ने उन्हें भोजन के लिए...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—136

भगवान श्रीकृष्ण दुनिया के पहले मैनेजमेंट गुरु थे। उन्होंने मैनेजमेंट का पहला मंत्र कर्म करने का दुनिया को दिया। कर्म के सिद्धांत में उनका गहरा...