धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—512

श्री कृष्ण और बलराम ने कंस वध के बाद अपने माता-पिता देवकी और वासुदेव को रिहा करवाया और राज्य नाना उग्रसेन को सौंप दिया। वसुदेव...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—511

श्री कृष्ण अपनी बाल-लीला के समय बहुत नटखट थे। गोपियां मां यशोदा को उलाहना देती रहती कि नंदरानी तेरे लला ने मेरा मटका फोड़ दिया,...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—510

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक बार एक बहुत प्रसिद्ध चोर किसी के बंगले पर चोरी करने गया। उस दिन वहाँ पर एक संत भागवत् कथा कर रहे थे। जब...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—509

एक बार एक औरत का मन‌ श्रीकृष्ण की भक्ति के प्रति उचाट हो गया था। वह श्री कृष्ण की परम भक्त थी। दिन-रात उनके नाम...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—508

जब आदियोगी ने अपना ज्ञान अपने पहले सात शिष्यों के साथ साझा किया तब उन्होंने, वे 112 तरीके खोजे और शिष्यों को समझाये, जिनसे कोई...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—506

दो मित्र थे। दोनों के मध्य मित्रता अवश्य थी, किन्तु दृष्टि और विचार दोनों के भिन्न-भिन्न थे। एक आलसी था और सदैव भाग्य के भरोसे...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—502

एक संत के आश्रम में सैकड़ों गायें थी। गायों के दूध से जो भी धन आता उससे आश्रम का संचालन कार्य होता था। एक दिन...