परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—630 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—630Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 15, 2025August 15, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 629 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 14, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—628 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—628Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 13, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 627 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 12, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—626 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—626Jeewan Aadhar Editor DeskAugust 11, 2025August 11, 2025
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—466Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 5, 2025 March 5, 2025 एक सरोवर में एक हंस और एक मछली रहते थे। दोनों के बीच अच्छी मित्रता थी। दोनों घंटों एक दूसरे के साथ समय बिताते। रात...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—465Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 4, 2025 March 4, 2025 संत तिलोपा की ख्याति इस रूप में थी कि उनके पास सभी प्रश्नों के सटीक जवाब होते थे। एक बार मौलुंक नाम का एक व्यक्ति...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—464Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 3, 2025 March 3, 2025 एक संत परम ज्ञानी थे, तर्क-वितर्क में कोई उनसे जीत नहीं सकता था। अपनी बात के पक्ष में सदैव उनके पास अकाट्य तर्क और ठोस...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—463Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 2, 2025 March 2, 2025 शाही सवारी आ रही थी। लोग कतारबद्ध खड़े थे। राजा के प्रति प्रजा में सम्मान था, क्योंकि राजा सदा प्रजा के हितों का ख्याल रखता...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—462Jeewan Aadhar Editor DeskMarch 1, 2025 March 1, 2025 गुरु द्रोण जब गुरुकुल की कक्षा में कौरव पांडव विद्यार्थियों को पढ़ाने पहुंचे, तो अत्यंत प्रसन्न थे। द्रोण स्वयं परमगुरु थे, लेकिन उस दिन उन्होंने...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—461Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 28, 2025 February 28, 2025 सिंधुराज के राज्य में एक डाकू का बड़ा आतंक था। वह धनी, निर्धन सबको लूटता था। किसी पर दया नहीं करता था। लोग हाथ जोड़...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—460Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 27, 2025February 28, 2025 February 27, 2025February 28, 2025 प्राचीनकाल की बात है एक राज्य के राजा की मृत्यु के पश्चात् उसका मूर्ख पुत्र गददी पर बैठा।इस प्रकार उस राज्य पर एक मूर्ख राजा...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—459Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 26, 2025 February 26, 2025 एक बार राजा यदु ने ऋषि दतात्रेय से पूछा- “महाराज! मैं जानना चाहता हूं कि आपने आत्मा में ही परमानंद का अनुभव कैसे प्राप्त किया...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—458Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 25, 2025 February 25, 2025 दो मित्र थे। एक बहुत धार्मिक प्रवृत्ति का था और सदैव प्रभु चिंतन में लगा रहता था, किंतु दूसरा मित्र घोर नास्तिक था। वह कभी...
धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—457Jeewan Aadhar Editor DeskFebruary 24, 2025 February 24, 2025 गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर जब भी रचना कर्म में जुटते थे, तो पूरे मन-प्राण से तन्मय होकर लिखते थे। उस समय उन्हें कतई यह भान नहीं...