धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 582

एक बार एक केकड़ा समुद्र किनारे अपनी मस्ती में चला जा रहा था और बीच-बीच में रुक कर अपने पैरों के निशान देख कर खुश...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 581

एक बार दोपहर के समय महात्मा बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ किसी गांव की ओर जा रहे थे। बुद्ध का उद्देश्य था, वहां के...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 580

एक संत के मित्र का परिवार फलियों को बेचकर अपना गुजारा चलाता था। संत ने देखा कि उनका मित्र और उसका परिवार उस पेड़ पर...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 579

एक साधू किसी नदी के पनघट पर गया और पानी पीकर पत्थर पर सिर रखकर सो गया। पनघट पर पनिहारिन आती-जाती रहती हैं। तो तीन-चार...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—578

एक बार संत कबीर अपने रोजमर्रा के काम में व्यस्त थे, वे कपड़े बुन रहे थे। तभी एक युवक उनके पास आया और विनम्रता से...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 577

पक्षीराज गरुड़, जो भगवान विष्णु के वाहन माने जाते हैं, वे अपनी मां विनता की सौतन कद्रू और उनके नागपुत्रों की सेवा करते थे। एक...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —576

पुराने समय में किसी गांव में एक पति-पत्नी सादगी और संतोषपूर्ण जीवन जीते थे। पति राजा के महल में काम करता था और रोज की...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 574

महाभारत का युद्ध खत्म होने के बाद युधिष्ठिर राजा बनने वाले थे। श्रीकृष्ण ने सोचा कि अब पांडवों के जीवन में सब ठीक हो गया...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 573

रामायण में श्रीराम का राज्याभिषेक होने वाला था। सबकुछ तय हो गया था। ये राजा दशरथ ने तय किया था तो ये बात बदलने की...