परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—545 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—545Jeewan Aadhar Editor DeskMay 22, 2025May 22, 20250
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 544 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskMay 21, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से- 543 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-...Jeewan Aadhar Editor DeskMay 20, 2025May 20, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-542 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से-542Jeewan Aadhar Editor DeskMay 19, 2025May 19, 2025
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —541 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से...Jeewan Aadhar Editor DeskMay 18, 2025
धर्मओशो : चार बातJeewan Aadhar Editor DeskNovember 10, 2017 November 10, 2017 बुद्ध एक गांव में रूके हैं और एक आदमी को उन्होंने ध्यान दीक्षा दी है। उससे कहा कि करूणा का पहला सूत्र कि ध्यान के...
धर्मओशो : ज्ञानी और अज्ञानीJeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017 November 9, 2017 एक आदमी बीमार है। तो औषधि की जरूरत तभी तक है जब तक वह बीमार है। ठीक से समझें तो आदमी को औषधि की जरूरत...
धर्मस्वामी राजदास : ईश्वर है या नहीं???Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017 November 9, 2017 एक पंडित को तीर लग गया था। बुद्ध पास से गुजरते हैं, तो उन्होंने कहा मैं यह तीर खींच दूं । उस पंडित ने कहा,...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—48Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017January 5, 2024 November 9, 2017January 5, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : अपने दुर्गुणJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक गांव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच...
धर्मओशो :औषधि जैसा है संन्यासJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक आदमी बीमार है और चिकित्सक उसे कहता है, यह औषधि लो और व्यायाम करो। तो औषधि संन्यास है और व्यायाम योग है। औषधि बीमारी...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—47Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017January 4, 2024 November 8, 2017January 4, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : एक-एक शब्द में हजार अर्थJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 एक आदमी बीमार है। तो औषधि की जरूरत तभी तक है जब तक वह बीमार है। ठीक से समझें तो आदमी को औषधि की जरूरत...
धर्मओशो : ध्यान एक कलाJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 ध्यान भी एक कला है। इस हृदय की गुफा में तो हम किनारे पर तैरना सीख लेते हैं, फिर उस विराट के सागर में उतरने...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—46Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017January 3, 2024 November 7, 2017January 3, 2024 एक बार एक राजा ने अपने राज्य में एक बाजार ऐसा लगवाया, जिसमें शादी-विवाह में काम आनेवाली सभी वस्तुएँ उपलब्ध थीं। यह सोचकर कि राजा...