धर्म

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ओशो : पत्थर

माइकल एन्जिलो एक रास्ते से गुजरता था। और उसने संगमरमर के पत्थर दुकान के पास एक बड़ा संगमरमर का पत्थर पड़ा देखा- अनपढ़। राहके किनारे...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—67

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक गुरू और शिष्य तीर्थ यात्रा के लिए पैदल जा रहे थे। आज से 50-60 वर्ष पहले अधिकतर पैदल ही तीर्थ-यात्रा पर लोग जाया करते...
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स्वामी राजदास : खुशामद बड़े-बड़ों को ले डूबती है!

भगवान कृष्ण के समय में चरणाद्रि चुनाव में पोंएड्रक नाम राजा शासन करता था। उसके दरबारी बड़े खुशामदी थे। वे कहते थे-आप का साक्षात भगवान...
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सत्यार्थ प्रकाश के अंश-04

ब्रह्मचर्य तीन प्रकार का होता है कनिष्ठ- जो पुरूष अन्नरसमय देह और पुरि अर्थात् देह में शयन करने वाला जीवात्मा, यज्ञ अर्थात् अतीव शुभ गुणों...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—66

Jeewan Aadhar Editor Desk
कई कहते हैं कि गुरू तो परमात्मा है। नहीं पंच र्भाैतिक शरीर वाला कोई भी परमात्मा नहीं हो सकता, हाँ परमात्मा की ओर जाने वाले...
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स्वामी राजदास : भक्ति में भावना की प्रधानता

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चैतन्य महाप्रभु जब जगन्नाथ पुरी से दक्षिण की यात्रा पर जा रहे थे तो उन्होंने एक सरोवर के किनारे कोई ब्राह्मण गीता पाठ करता हुआ...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—65

Jeewan Aadhar Editor Desk
धर्म प्रेमी सज्जनों! यह संसार समुद्र है अपने जीवन का मन्थन करो। मन को मंदराचल पर्वत बनाओ और प्रेम की डोर से उसको मथो तो...