धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 605

जब छत्रपति शिवाजी को यह पता चला कि समर्थ रामदास जी ने महाराष्ट्र के ग्यारह स्थानों में हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की है और...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 604

किसी शहर में एक सेठ रहता था। उसके पास अपार धन-संपत्ति थी। समाज में उसकी अच्छी-खासी प्रतिष्ठा भी थी, पर उसका मन सदैव अशांत रहता...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 603

एक लोक कथा के अनुसार पुराने समय में एक किसान की फसल बार-बार बर्बाद हो जाती थी। उसे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 602

एक दिन महाकवि कालिदास एक नगर से दूसरे नगर जा रहे थे। रास्ते में उन्हें प्यास लगी। वहीं उन्हें एक कुआं दिखाई दिया, वहां गांव...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 601

एक संत के आश्रम में प्रतिदिन शाम को, भक्तों की भीड़ होती थी, क्योंकि उनके प्रवचनों से जीवन का सही दिशा बोध प्राप्त होता था।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—600

एक राजा सायंकाल में महल की छत पर टहल रहा था। अचानक उसकी दृष्टि महल के नीचे बाजार में घूमते हुए एक सन्त पर पड़ी।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से — 599

शिव-पार्वती के पुत्र कार्तिकेय स्वामी का पालन-पोषण 6 कृतिकाओं ने कैलाश से दूर एक जंगल में किया था। कृतिकाओं की वजह से ही उनका नाम...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 597

एक सेठजी बड़े कंजूस थे। एक दिन उन्होंने दुकान पर बेटे को बैठा दिया और बोले कि बिना पैसे लिए किसी को कुछ मत देना,...