धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—140

किसी भी काम में स्थाई सफलता तभी मिलती है, जब अंतिम समय तक धैर्य का दामन थामे रहते हैं। जिस पल धैर्य छोड़कर जल्दबाजी करते...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—139

महाभारत की कहानी में जुए की घटना के बाद पांडवों को वनवास हो गया। तब श्रीकृष्ण ने दूरदृष्टि दिखाते हुए अर्जुन को समझाया कि यह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 138

भगवान श्रीकृष्ण ने दुनिया के सामने अपने जीवन काल में कई संदेश दिए जिसमें प्रमुख संदेश था धैर्यवान होने का। जब युधिष्ठिर को युवराज घोषित...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—137

Jeewan Aadhar Editor Desk
एक बार पांडवों की ओर से श्रीकृष्ण दूत बनकर कौरवों की राजधानी हस्तिनापुर पहुंचे। वहां उनका राजसी सम्मान हुआ। दुर्योधन ने उन्हें भोजन के लिए...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—136

भगवान श्रीकृष्ण दुनिया के पहले मैनेजमेंट गुरु थे। उन्होंने मैनेजमेंट का पहला मंत्र कर्म करने का दुनिया को दिया। कर्म के सिद्धांत में उनका गहरा...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—135

श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा मध्य प्रदेश के उज्जैन में सांदीपनि ऋषि के आश्रम में रहकर पूरी की थी। कहा जाता है कि 64 दिन में...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—134

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के साथ ही उनके द्वारा दिए गए गीता के ज्ञान को जीवन में उतारने से हमारी कई परेशानियां दूर हो सकती...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—133

देवराज इंद्र के पुत्र जयंत थे। राजा का बेटा था तो उसे लगता था कि वह जो भी करेगा, सब सही है। रामायण में वनवास...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—132

द्वारिका के डूब जाने के बाद भगवान श्रीकृष्ण जंगल में एक वृक्ष के नीचे परमधाम का ध्यान लगाकर बैठे थे। उनके पैर के अंगूठे की...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—131

महाभारत युद्ध समाप्ति के बाद भगवान श्रीकृष्ण द्वारिका में अपने परिवार के साथ रहने के लिए चले गए। लेकिन कुछ समय के बाद उनके यादववंश...