परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—367 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—367Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 25, 2024November 25, 20240
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 366 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—...Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 24, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—365 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—365Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 23, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—364 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—364Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 22, 2024
परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—363 धर्मपरमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—363Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 21, 2024
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—48Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 9, 2017January 5, 2024 November 9, 2017January 5, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : अपने दुर्गुणJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक गांव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक संत ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुंच...
धर्मओशो :औषधि जैसा है संन्यासJeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017 November 8, 2017 एक आदमी बीमार है और चिकित्सक उसे कहता है, यह औषधि लो और व्यायाम करो। तो औषधि संन्यास है और व्यायाम योग है। औषधि बीमारी...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—47Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 8, 2017January 4, 2024 November 8, 2017January 4, 2024 धर्म प्रमी सज्जनों गीता में श्रीकृष्ण ने स्पष्ट लिखा हैं, मैं इन्द्रियों में मन हूँ अत: मन बड़ा बलवान् होता है। मन की इच्छा पर...
धर्मस्वामी राजदास : एक-एक शब्द में हजार अर्थJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 एक आदमी बीमार है। तो औषधि की जरूरत तभी तक है जब तक वह बीमार है। ठीक से समझें तो आदमी को औषधि की जरूरत...
धर्मओशो : ध्यान एक कलाJeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017 November 7, 2017 ध्यान भी एक कला है। इस हृदय की गुफा में तो हम किनारे पर तैरना सीख लेते हैं, फिर उस विराट के सागर में उतरने...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—46Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 7, 2017January 3, 2024 November 7, 2017January 3, 2024 एक बार एक राजा ने अपने राज्य में एक बाजार ऐसा लगवाया, जिसमें शादी-विवाह में काम आनेवाली सभी वस्तुएँ उपलब्ध थीं। यह सोचकर कि राजा...
धर्मस्वामी राजदास : सदुपयोगJeewan Aadhar Editor DeskNovember 6, 2017 November 6, 2017 नरसी के पड़ोस में एक आदमी आलाप भर रहा था। आधी रात को नरसी उसके पास गया और उसने कहा कि आप को तो अपने...
धर्मओशो : कैवल्य उपनिषद 200Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 6, 2017 November 6, 2017 जब हम एक दफा, पहली दफा किसी व्यक्ति को पानी में फेंकते हैं तैरने के लिए, तब भी वह हाथ-पैर फेंकता है- थोड़े अव्यवस्थित। और...
धर्मपरमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—45Jeewan Aadhar Editor DeskNovember 6, 2017January 2, 2024 November 6, 2017January 2, 2024 एक बार अर्जुन द्रौपदी को लेकर द्वारिकापुरी आये। अर्जुन श्रीकृष्ण के मित्र भी हैं, भक्त भी है, और बुआ के बेटे भाई भी है। शाम...