धर्म

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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—426

Jeewan Aadhar Editor Desk
राजा भद्रसिंह प्रजापालक एवं न्यायप्रिय थे। नैतिक और जीवन मूल्यों के प्रति बहुत जागरूक थे किंतु उनका पुत्र महाउत्पाति, विद्रोही, उदंड एवं निर्दयी था। वह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 425

एक गाँव में एक किसान रहता था। वह रोज सुबह-सुबह उठकर दूर झरनें से साफ पानी लेने जाया करता था। इस काम के लिए वह...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 424

पांडवों और कौरवों को गुरु द्रोणाचर्य शिक्षा दे रहे थे। एक बार उनके मन में अपने शिष्यों की परीक्षा लेने का विचार आया। उन्होंने अपने...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—422

एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया- मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था मैं राजा...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—421

एक बार बंद दुकान में कहीं से घूमता फिरता एक सांप घुस गया। दुकान में रखी एक आरी से टकराकर सांप मामूली—सा जख्मी हो गया।...
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परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से— 418

उस चरवाहे लड़के की कहानी हम सभी जानते हैं जो भेड़िया आया, भेड़िया आया चिल्लाता था।उस लड़के ने गाँव को परेशान करके मजा लेने की...